चलो आशियाना सजाएं




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विषय:चलो आशियाना सजाएं

दिल से दिल का रिश्ता निभाएं।
रूठे हुए को चलो फिर मिलाएं।।
एक दूसरे की खता को भुलाएं।
न तू आजमाए न हम आजमाएं।।
आ प्रेम से शामियाना बनाएं।
आओ चलो  आशियाना सजाएं।

न तेरी जीत हो ,न मेरी हार हो।
गर हो तो मोहब्बत में तकरार हो।
तेरी हर तमन्ना मेरी चाह हो।
तेरी हर डगर ही मेरी राह हो।
मौसम चलो आशिकाना बनाएं।
आओ चलो आशियाना सजाएं।।

जहां प्रेम से भाईचारा रहे।
जहां एकता वाला नारा रहे।
जहां तुझ में हो रब।
जहां तुझ में हो सब।
जहां तारे भी अपना ठिकाना बनाएं।
आओ ऐसी जगह आशियाना सजाएं।

जहां नफरत न हो,प्यार सदभाव हो।
जहां फितरत न हो, न्याय समभाव हो।
जहां  समता और ममता पले प्यार से।
 जहां विषमता मिटे मान  मनुहार से।
वहीं ज्ञान का दीप जलाना बताएं।
आओ चलो आशियाना सजाएं।

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नरसिंह हैरान जौनपुरी मुंबई

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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

04-Jun-2022 05:47 PM

बेहतरीन

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Sona shayari

03-Jun-2022 10:20 PM

Bahut khub

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Gunjan Kamal

03-Jun-2022 10:12 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻

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